Kavita Jha

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मेरी बैस्टी मेरी डायरी# डायरी लेखन प्रतियोगिता -17-Dec-2021

20 दिसंबर(जनवरी की यादें)
सुबह के साढ़े दस...
यह साल 2021 बहुत सारी खट्टी मीठी प्यारी यादें देकर जा रहा है,मात्र ग्यारह दिन बचे हैं और मैं पुनः जनवरी से दिसंबर तक बीती घटनाओं को याद कर और प्यारी यादों से संजोकर रखना चाहती हूं।
जनवरी मेरे लिए बहुत ही खास महीना है, वैसे सर्टिफिकेट और आधार कार्ड में एक जनवरी मेरा जन्मदिन है!
देखा जाए तो वास्तव में एक नया जन्म ही हुआ था 29 जनवरी 2001 को जब विवाह बंधन में बंधी थी इनके साथ। अपने जन्म स्थान दिल्ली को छोड़ इनसे विवाह करने आई थी इनके शहर रांची। झारखंड जो दो महीने पहले ही अस्तित्व में आया था, मैं अपने जन्मदाता मां पापा,भाई भाभी बहन के साथ शादी की तारीख से पन्द्रह दिन पहले ही यहां पहुंच गई थी। बहुत ही मजेदार किस्सा है वो भी जो कभी भूल नहीं सकती मैं! पापा को मिस्टर ललन झा बहुत ही ज्यादा पसंद थे तो बस अब इन्हीं के संग जीवन बीत रहा है,अच्छी पसंद थी पापा की। वो नहीं रहे पर मुझे जीवनभर के लिए अच्छे हाथों में सौंप गए।
हां इस जनवरी में ही तो पापा हमें हमेशा के लिए छोड़ कर इस दुनियां से विदा हो गए। 4 जनवरी 2021, वो दिन मैं मिल भी न सकी पापा से। छोटा बेटा के जन्म से एक साल पहले से ही दिल्ली नहीं जा सकी और उसके बाद बच्चा छोटा है इसलिए... इस भी हर साल की तरह हिंदू पंचांग के हिसाब से पापा के नाम पर भोजन बना उनके जमाई और नाती को खिलाया।

***

कविता झा'काव्या कवि'

#लेखनी

#डायरी

#डायरी लेखन प्रतियोगिता 

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3 Comments

Swati chourasia

20-Dec-2021 08:15 PM

👍👍

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🤫

20-Dec-2021 10:57 AM

बेहतरीन ma'am, कुछ पन्ने स्मृतियों में सदा के लिए दर्ज हो जाते हैं।

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Kavita Jha

20-Dec-2021 02:26 PM

थैंक्स 😊🙏

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